चीं चीं करती, फुदकती छोटी सी चिड़िया पहले हर जगह देखि जाती थी किन्तु बदले पारिस्थितिक तंत्र मैं गौरया गायब होती जा रहीं हैं
किसानो की दोस्त और बीमारी फ़ैलाने वाले छोटे छोटे कीड़े मकोड़ों से हमको बचने वाली इस नन्ही सी चिड़िया को अब खुद के अस्तित्वा को बचाना मुश्किल हो रहा है
हम सब का ये दायित्वा है की विश्व गौरया दिवस पर पक्षियों के संरक्षण का हम खुद से वडा करें
सिर्फ गौरया ही नहीं अपितु प्राकृतिक संतुलन को कायम रखने वाले हर जीव को जीने के लिए पर्याप्त माहोल दें