"अगर हम मानव शरीर को ऊर्जा का स्रोत मानते हैं तो इसका मतलब है कि ऊर्जा तरगों के माध्यम से प्रवाहित हो रही है। जिसमें जिस प्रकार की तरंगे ज़्यादा होंगी उसी प्रकार की घटनाएँ संसार में घटित होंगी तो अगर हम बार-बार- बोलेगें कि बेटियाँ खतरे में हैं तो फिर उनका विनाश पक्का है क्योंकि हम नेगेटिव ऊर्जा ब्रह्मांड को भेज रहें हैं....." प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
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